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Wednesday, May 22, 2024

भारत चुनाव आयोग की नई सुधारनाये


भारत एक लोक तांत्रिक देश है जहा लगभग 150 करोड के आसपास बडी जनसंख्या वाले दुनिया के दुसरे नंबर वाले इतने बडे देश मे सफलतापूर्ण चुनाव कराना एक बहोत बडी बात है भिन्न भिन्न जाती धर्म के लोग अनेको  विविधताये इस देश मे होने पर भी यह लोकतंत्रात्मक देश आज भी दुनिया मे सांसदिय लोकशाही का सबसे बडा उदाहरण दुनिया के सामने अपनी धरोहर को 75 सालो से संजोये हुऐ है. जहा तक मुझे ज्ञात है सन 1999 तक इस देश मे भारत के सभी चुनाव कागज की मतपत्रिका पर होती थी समय बदला और भारत मे चुनाव EVM मशिन पर होने लगे इससे नतिजे आने का समय बचा जिस चुनाव के नतिजे आने मे ४ से ५ दिन लगते थे वह नतिजे एक दिन मे आने लगे. शुरूवाती दौर मे सभी चिजे अच्छी और लुभावनी लगती है. समय के साथ कुछ अच्छा सुधार भी आपने साथ गलत और बुरा भी साथ लेकर आता है. कुछ समय बाद यह मांग होने लगी की EVM मे कुछ हेरफेर हो सकता है और निष्पक्ष चुनाव नही हो सकते अनेक राजनैतिक दलो ने अपनी अपनी टिप्पणीया की अनेको मामले न्यायालय मे पहुचे पर कोई भी राजनैतिक दल या व्यक्ती ये सिध्द नही कर सका. कुछ संशोधन के बाद भारत के चुनाव आयोग ने एक ऐसा मशिन चुनाव प्रक्रीया मे शामिल किया जिसे VVPAT कहा जाता है जिससे मतदाता को अपना दिया गया मत जिस उमिदवार को दिया है उसके नाम के साथ चुनाव चिन्ह की पेपर काॕपी उस मशिन मे कुछ क्षणो के लिये दिखाई पडती है और वो पर्ची उसी मशिन मे गिर कर जमा हो जाती है. यहा तक तो ठिक था मगर फिर से लोगो को आशंका होने लगी की हम किसी को अपना मत देते है और पर्ची किसी और की गिर रही है. पर यह बात भी कोई साबित नही कर पाया. ऐसी अनेको समस्याये चुनाव के संबंध मे राजनैतिक दल और समाज से जुडे कुछ लोग करते आये है. चुनाव निष्पक्ष हो यह सब चाहते है इसलिये हर तरफ से सरकारे जनता चुनाव आयोग राजनैतिक दल सब की तरफ से पहल होनी चाहीये. इसलिये विशेष रूप से चुनाव संबंधी जिस परीपेक्ष मे सुधार होना आवश्यक है उसकी कुछ महत्वपूर्ण कडीयो मे सुधार होना ही चाहीये. 

१) मतदाता सुची : यह चुनाव की रीड की हड्डी होती है. कई बार ये सुनने मे आता है की फलाना फलाना आदमी अपना मतदान से वंचित हो गया कारण यह पता चला की मतदाता सुची से उसका नाम ही गायब हो गया. उसके पास यदी चुनाव आयोग द्वारा दिया गया पहचान पत्र है तो मतदाता सुची से नाम गायब होना ही नही चाहीये मगर यह बाते हो रही है इसे रोकने के लिये चुनाव आयोग को एक त्रिस्तरीय सिस्टीम को लाना होगा जिसमे आधारकार्ड मतदाताकार्ड और मोबाइल नंबर की जानकारी साझा होगी ऐसा सिस्टिम बनाना चाहीये. नया मतदान कार्ड बनाते समय आधारकार्ड के नंबर से सुनिश्चित किया जाये के मतदाता की आयु, पता ,जेंडर, फोटो की जानकारी मिल जाती है fetch करने पर सभी जानकारी सिस्टीम मे लोड हो जायेगी मोबाइल नंबर भी रजिस्टर होने से मतदाता सुची मे नामांकन करने के लिये केवल राज्य  विधानसभा क्षेत्र मतदाता भाग सुची चुनना होगा और परीवार के सदस्य का अनुक्रमांक चुनने पर मतदाता सुची मे नाम जोड दिया जायेगा. मतदाता सुची बदलने के लिये उसी प्रकार OTP वेरीफिकेशन कर के बदले जाने चाहीये. मतदाता की मृत्यू हो जाने पर मृत्यू प्रमाणपत्र के साथ BLO प्रमाणपत्र के आधार पर मतदाता सुची से नाम कम कराने की प्रक्रिया 21 तक नोटिफिकेशन जारी करना चाहीये ताकी किसी जिवित व्यक्ती को मृत ना घोषित किया जाये और वो अपने मतदान के हक से महरूम न रहे. आधार जानकारी के fetch करने से मतदाता सुची मे नाम जेंडर की समस्याये कम हो जायेगी. 
02) तहसिल विभाग कर्मचारी : आज भी तहसिल के स्थान पर एक नायब तहसिलदार के साथ केवल दो तिन कर्मचारी के भरोसे चुनाव आयोग काम कर रहा है पर इसका एक आलग कार्यालय होना चाहीये पुर्ण तहसिल के काम के लिये पर्याप्त मात्रा मे कर्मचारी चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किये जाने चाहीये एक स्वतंत्र कार्यप्रणाली तहसिल, विधानसभा  विभाग , जिला , राज्य स्तर पर होनी चाहीये. कुछ स्वतंत्र वित्तिय और प्रशासनिक अधिकार इस विभाग को होने चाहीये. BLO पूर्ण रूप से विभाग द्वारा नियुक्त करने चाहीये. देश मे होने वाले सभी चुनाव की जिम्मेदारी इस विभाग को देनी चाहीये नये पदो की रचनाये विभाग ने करनी चाहीये.ऐसा होने से रोजगार के ये अवसर जनता को मिलेंगे सरकारी भार राजस्व विभाग का कम होगा.


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